देहरादून
*पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ * के मार्गदर्शन मैं *पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनन्द भरने* द्वारा साइबर पुलिस का नेतृत्व किया जाता है |
इसी क्रम में नवनीत सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ* उत्तराखण्ड द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि* कुछ समय पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून को एक प्रकरण प्राप्त हुआ जिसमें हरिद्वार निवासी शिकायतकर्ता को यूके स्थित व्हाट्सएप नंबर +447570899124 से फर्म क्वांटम कैपिटल के नाम से एक व्हाट्सएप संदेश प्राप्त हुआ जिसके बाद व्हाट्सएप नंबर +447570899056 से एक व्यक्ति द्वारा स्वयं को भारतीय ब्रोकर के रूप में पेश किया गया एवं 12000 रुपये के निवेश पर 16000 रुपये का एक छोटा सा रिटर्न देकर विश्वास में लिया और फिर उसने अपने फर्म पोर्टल क्वांटम कैपिटल के माध्यम से इसे 50% तक बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ता से 18 लाख रुपये मांगे। उक्त ठगों के द्वारा शिकायतकर्ता को रोजाना व्हाट्सएप कॉल की जाती थी और निवेश हेतु मांगे के रुपयों को किसी ट्रेड पोर्टल के माध्यम से निवेश करना बताया जाता था और शिकायतकर्ता को फोन पर डाउनलोड करायी गयी फर्जी वैबसाइट पर मुनाफा दिखाया जाता था एवं निकासी पर क्लिक करने पर 15 मिनट में पैसे प्राप्त होने की बात बतायी जाती थी लेकिन शिकायतकर्ता को कभी पैसे नहीं मिले तथा बात करने पर टालमटोल किया जाता रहा। इस प्रकार अज्ञात साइबर ठगों द्वारा शिकायतकर्ता इस पूरे प्रकरण में क्वांटम कैपिटल के माध्यम से 64,27,668/-रुपये और QYOU मीडिया के माध्यम से 78,75,987/- रुपये कुल 1,43,03,655/- ( एक करोड तिरालीस लाख तीन हजार छः सौ पचपन) की साइबर धोखाधड़ी की गयी।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अभियोग की विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विजय भारती के सुपुर्द कर घटना के शीघ्र अनावरण हेतु अंकुश मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के कुशल नेतृत्व एवं निकट पर्यवेक्षण में टीम गठित कर समुचित दिशा-निर्देश दिये गये, जिस पर कार्यवाही करते हुये साईबर क्राईम पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था, जिसमें से अलवर राजस्थान के विभिन्न पाँच आईडीबीआई बैंक खातों में 55,94,110/- रुपये स्थानान्तरित होना तथा *इन खातों में कुल 2,33,17,920/- रुपये का लेन देन होना प्रकाश में आया एवं इन बैंक खातों के विरुद्ध राष्ट्रीय साईबर क्राईम पोर्टल पर 15 शिकायते दर्ज होना भी पायी गयी।*
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु दिल्ली, उ0प्र0 व राजस्थान में कई स्थानों पर दबिशें दी । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर कार्यवाही करते हुये अभियोग के मास्टरमाइण्ड कैलाश सैनी पुत्र पप्पू राम सैनी निवासी ग्राम व पो0 उमरैण, थाना अकबरपुर, जिला-अलवर, राजस्थान, उम्र-32 वर्ष को जयपुर हाईवे पर रिंगस बाईपास, जिला सीकर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से सम्बन्धित बैंक खाता जिसमें शिकायतकर्ता से धोखाधडी कर 8,39,610/-रुपये डलवाये गये थे का एस0एम0एस0 अलर्ट नं0 सहित घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल हैण्ड सैट मय दो सिम कार्ड बरामद हुये। अब तक की विवेचना से उक्त गिरफ्तार अभियुक्त के सम्बन्धित आईडीबीआई बैंक एकाउण्ट में कुल 30,50,242/- रुपये की धनराशि फर्जी तरीके से आना प्रकाश में आया है एवं उसके खाते के विरुद्ध राष्ट्रीय साईबर क्राईम पोर्टल में 03 शिकायते दर्ज है ।
*अपराध का तरीका:-*
साइबर ठगों द्वारा वादिनी को यू0के0 बेस्ड फर्म क्वान्टम कैपिटल के नाम से व्हाटसअप नम्बर +447570899124 से निवेश सम्बन्धी मैसेज भेजना तथा व्हाटसअप नम्बर +447570899056 के द्वारा स्वयं को भारतीय ब्रोकर बताकर छोटे निवेश पर छोटा रिटर्न देकर विश्वास में लेकर षड़यंत्र के तहत क्वान्टम कैपिटल एवं QYOU Media में निवेश के नाम पर विभिन्न लेन देन के माध्यम से कुल 1,43,03,655 ( एक करोड तिरालीस लाख तीन हजार छः सौ पचपन) रुपये की धोखाधड़ी करना। गिरोह द्वारा व्हाट्सएप पर यू0के0 वर्चुअल नम्बर का प्रयोग कर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से लोगों से सम्पर्क किया जाता है एवं विभिन्न कम्पनियों के नाम से बनाये गये फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम चैनल्स में जोडकर स्वयं को भारतीय ब्रोकर के रुप में पेश कर निवेश कराने के नाम पर कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता है तथा शेयर मार्केट / स्टॉक ट्रेडिंग की विभिन्न कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट बनाकर उक्त वैबसाइट में उनका पैसा ट्रेडिंग पोर्टल के माध्यम से निवेश का मुनाफा दिखाकर विश्वास हासिल कर आम जनता से निवेश हेतु अधिक से अधिक पैसा जमा कराकर धोखाधड़ी की जाती है।
*गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पता-*
1-कैलाश सैनी पुत्र पप्पू राम सैनी निवासी ग्राम व पो0 उमरैण, थाना अकबरपुर, जिला-अलवर, राजस्थान, उम्र-32 वर्ष
*गिरफ्तारी का स्थान-* जयपुर हाईवे पर रिंगस बाईपास, जनपद सीकर, राजस्थान
*बरामदगी-* घटना में प्रयुक्त बैंक खाता जिसमें शिकायतकर्ता से धोखाधडी कर रुपये डलवाये गये थे का एस0एम0एस0 अलर्ट नं0 सहित एक मोबाइल हैण्ड सैट मय दो सिम कार्ड।
*गिरफ्तारी पुलिस टीम-*
1- निरीक्षक विजय भारती
2- उप निरीक्षक हिम्मत सिंह
3- कॉन्स0 नीरज नेगी
4- कॉन्स0 योगेश्वर कान्ति
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह* द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, YouTube like सब्सक्राइब में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये और किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।
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