हिमालय दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सामाजिक विकास की आवश्यकता के दृष्टिगत हमें इकॉलोजी एवं इकोनॉमी में समन्वय के साथ कार्य करना होगा। भावी पीढ़ियों के लिये हिमालय की सुंदरता तथा जैव विविधता को संरक्षित रखना हम सबका दायित्व है। हिमालय हमारे जीवन से जुडा विषय होने के नाते इसके संरक्षण का दायित्व भी हम सभी का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्डवासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व, प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत बताते हुए कहा कि सामाजिक चेतना तथा सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

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